सूर्यदेव को जल चढाने का सही तरीका क्या है ? || Suryadev Ko Jal Kaise Chadhaye

बहोत से लोग सूर्य देव को जल चढ़ाते है, लेकिन सूर्य देव को जल चढाने का भी एक सही तरीका होता है | जो लोग सूर्यदेव को सही तरीके से जल चढ़ाते है तो उन्हें काफी ज्यादा लाभ होता है | तो आईये जानते है की Suryadev Ko Jal Kaise Chadhaye | अगर सूर्यदेव को जल चढ़ाते समय आप भी इन बातो का ध्यान रखे तो आपके लिए भी ये लाभकारी हो सकता है |

Suryadev Ko Jal Kaise Chadhaye

  • नहाने के बाद ही सूर्यदेव को चढ़ाना चाहिए।
  • सूर्यदेव को जल हमेशा सूर्योदय के समय या सूर्योदय होने के एक घंटे के अंदर आप चढ़ा सकते हो।
  • सूर्यदेव को जल अर्पित करने के लिए तांबे के लोटे का इस्तेमाल करे।
  • सूर्यदेव को जल अर्पित करते समय आपका मुख पूर्व दिशा की और होना चाहिए।
  • सूर्यदेव को जल चढ़ाते समय लोटे में लाल रंग के फूल, कुमकुम, चंदन, थोड़े-से अक्षत यानि अखंडित चावल भी दाल सकते है।
  • सूर्यदेव को जल अर्पित करते समय लोटे में से जल आपके पैरो पर नहीं गिरना चाहिए।
  • सूर्यदेव को जल अर्पित करते समय लोटे को इस तरह पकड़ना चाहिए की आपका हाथ अपने सिर से ऊपर हो।
  • सूर्यदेव को जल चढ़ाते समय आप नीचे दिए गए मंत्रो का जाप कर सकते है।
  • ॐ श्रीं सूर्याय नमः
  • ॐ घृणि: सूर्याय नमः
  • ॐ आदित्याय नमः
  • ॐ भास्कराय नमः
  • हो सके तो आपको रोज़ सूर्यदेव को जल अर्पित करना चाहिए।
  • सूर्यदेव को जल अर्पित करने के बाद आप जिस जगह खड़े होकर जल अर्पित किया हो वही पे कम से कम तीन बार परिक्रमा करनी चाहिए और प्रणाम करना चाहिए।

अगर आप भी सूर्यदेव को जल अर्पित करते समय इन बातो का ध्यान रखते हो तो आपके ऊपर भी सूर्यदेव की विशेष कृपा होगी। यदि आपकी कुंडली में सूर्य अशुभ स्तिथि में हो और आप इन बातो का ध्यान रखके सूर्यदेव को जल अर्पित करते हो तो आपके लिए यह लाभकारी हो सकता है।

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Disclaimer:

यहाँ दी गई जानकारी धार्मिक और लोकमान्यता के आधार पर दी गई है।
यह संपूर्ण भक्ति और श्रद्धा का विषय है।

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